Class 10 Science Chapter 2 Notes in Hindi | अम्ल क्षारक एवं लवण

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Class 10 Science chapter 2 Notes in Hindi : covered science chapter 2 easy language with full details details & concept  इस अद्याय में हमलोग जानेंगे कि – अम्ल क्षारक एवं लवण क्या है, किसे कहते है |अम्लों के भौतिक गुण एवं अम्लों के रासायनिक गुण क्या है, क्षारकों के भौतिक गुण एवं क्षारकों के रासायनिक गुण क्या है, आयन के आधार पर क्षारकों को कितने भागों में वर्गीकृत किया गया है, अम्ल तथा क्षारकों की बीच क्या क्या अभिक्रियाएँ होती हैं, अम्लों या क्षारकों के बीच जलीय विलयन कैसे बनते है,अम्ल या क्षारक पर तनुता का प्रभाव क्या पड़ता है,कास्टिक सोडा किसे कहते है, कास्टिक सोडा के उपयोग कहा किया जाता है,  विरंजक चूर्ण क्या है,बेकिंग या खाने का सोडा क्या क्या उपयोग है  प्लास्टर ऑफ पेरिसक्या है?


Class 10 Science chapter 2 Notes in Hindi full details

category  class 10 Science Notes in Hindi
subjects  science
Chapter Name Class 10 acids bases and salts (अम्ल क्षारक एवं लवण)
content Class 10 Science chapter 2 Notes in Hindi
class  10th
medium Hindi
Book NCERT
special for Board Exam
type readable and PDF

NCERT class 10 science chapter 2 notes in Hindi

विज्ञान अद्याय 1 सभी महत्पूर्ण टॉपिक तथा उस से सम्बंधित बातों का चर्चा करेंगे।


विषय – विज्ञान  अध्याय – 2 

अम्ल क्षारक एवं लवण

 acids bases and salts


अम्ल(Acids)

वे पदार्थ जिनका स्वाद खट्टा होता है तथा जो नीले लिटमस पेपर को लाल कर देते हैं,अम्ल कहलाते है।
अम्ल शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द एसिड्स से हुई है , जिसका अर्थ है,खट्टा।
उदाहरण; सिरके, सिट्रस फ़ल,(नींबू,संतरा),इमली
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) – अनेक उद्योगों में बॉयलर को अंदर से साफ करने में, सिंक व सेनिटरी को साफ करने में रूप से काम आता हैं ।
सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) – सेल, कार, बैटरी तथा उद्योगों में काम आता हैं । सल्फ्यूरिक अम्ल को अम्लों का राजा भी कहते हैं।
नाइट्रिक अम्ल (HNO3) – उर्वरक बनाने व सोने के गहनों को साफ करने में काम आता हैं ।
ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH) – सिरके के रूप में खाद्य पदार्थो को, आचार आदि को संरक्षित करने में, लकड़ी के फर्नीचर आदि को साफ करने में काम आता हैं ।
क्षार –
उत्पति :- क्षार शब्द की उत्पति एलकली शब्द से हुई जिसका अर्थ ‘पौधे की राख’।
स्वाद :- यह स्वाद में कड़वा होता हैं। उदाहरण – नीम, बेकिंग सोडा।
लिटमस पत्र :- क्षार लाल लिटमस को नीला कर देता हैं ये स्पर्श में साबुन जैसा व्यवहार दिखाते हैं ।
विलायक क्षमता :- क्षार की विलायक क्षमता निम्न होती हैं ।
ये जलीय विलयन में OH– आयन देते हैं।
क्षार (Alkali) :- जल में घुलनशील क्षारक को क्षार कहते हैं।
उदाहरण :-

सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) – प्रबल क्षारक के रूप में।
पौटेशियम हाइड्रोक्साइड (KOH) – प्रबल क्षारक के रूप में।
अमोनियम हाइड्रोक्साइड (NH4OH) – खाद्य या उर्वरक में ।
कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड Ca[OH]2 – मिट्टी की अम्लता को दूर करने में किया जाता हैं।
अम्लों के प्रकार
(Types of Acids)

1)प्रबल अम्ल(strong acids) वे अम्ल जो जल में पूरी तरह से वियोजित होते है, प्रबल अम्ल कहलाते हैं।
उदाहरण-HCl, H2SO4, HNO3
2) दुर्बल अम्ल(weak Acids) वे अम्ल जो जल में पूरी तरह वियोजित नही होते ,दुर्बल अम्ल कहलाते हैं।
उदाहरण-लैक्टिक अम्ल,CH3COOH
3)सांद्र अम्ल; जिसमे अम्ल अधिक मात्रा में होतेहैं,जबकि जल कम मात्रा में होता है।
4)तनु अम्ल; जिसमे अम्ल अल्प मात्रा में होता है,जबकि जल अधिक मात्रा में होता है ।

अम्लों के भौतिक गुण
(Physical properties of acids)

1)अम्ल स्वाद में खट्टे तथा जल में विलय होते है ।
2)अम्ल नीले लिटमस पेपर को लाल कर देते हैं।
3)अम्लों कि प्रकृति संक्षारक(corrosive) होती है।इनकी क्रिया से कपड़ा, लकड़ी,कागज़,त्वचा,आदि नष्ट हो जाते हैं।

अम्लों के रासायनिक गुण(chemical properties of acids)

1) धातु के साथ अभिक्रिया (reaction with metals)
-अम्ल विभिन्न सक्रिय धातुओं जैसे जिंक (Zn), सोडियम(Na),मैग्नीशियम(Mg),आदि से क्रिया करके हाइड्रोजन गैस छोड़ते हैं।

अम्ल+धातु——->लवण +हाइड्रोजन
उदाहरण:
Zn+H2SO4——–>ZnSO4+H2

-हाइड्रोजन गैस जलाने पर पॉप(pop) की ध्वनि के साथ जलती है।

पॉप टेस्ट; हाइड्रोजन गैस से निहित परखनली के पास जब एक जलती हुई मोमबत्ती लायी जाती है, तो पॉप की ध्वनि उत्पन्न होती है। इस टैस्ट को हाइड्रोजन की उपस्थिति दर्शाने के लिए प्रयोग करते हैं।

2)धातु कार्बोनेट तथा धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया(Reaction with मेटल carbonate and metal hydrogen)*
अम्ल,धातु कार्बोनेट तथा धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड उतपन्न करते हैं।

धातु कार्बोनेट+अम्ल—>लवण+कार्बनडाइऑक्साइड+जल

धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट+अम्ल——>लवण+कार्बनडाइऑक्साइड+जल

उदाहरण
CaCO3+2HCl—–>CaCl2+H2O+CO2

Ca(HCO3)2+2HCl—->CaCl2+2H2O+2CO2

3)धातु ऑक्साइड के साथ अभिक्रिया(reaction with metal oxide)

अम्ल कुछ धातु ऑक्साइडों (क्षारीय ऑक्साइडों) के साथ क्रिया करके लवण तथा जल बनाते हैं।
धत्विक ऑक्साइड+अम्ल——>लवण+जल

उदारहण-CaO+2HCl——->CaCl2+CaCl2

अम्लों के उपयोग Uses of Acids

अम्लों के उपयोग निम्नलिखित हैं

( i ) सल्फ्यूरिक अम्ल ( H2SO4 ) को लेड बैट्रियों में , पेट्रोलियम उद्योग में , प्लास्टिक , कृत्रिम रेशे बनाने में , उर्वरक निर्माण , आदि में प्रयुक्त किया जाता है ।

( ii ) नाइट्रिक अम्ल ( HNO3 ) को सोने तथा चाँदी के शोधन में प्रयुक्त किया जाता है । उर्वरक , औषधि , विस्फोटक बनाने में भी इसी अम्ल का उपयोग किया जाता है ।

नोट नाइट्रिक अम्ल को शोरे का अम्ल भी कहते हैं , क्योंकि उसे शोरे ( KNO3 ) से बनाया जाता है ।

( iii ) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल ( HCI ) को वस्त्र- उद्योगों में कपड़ा रंगने के लिए तथा कलई से पूर्व लोहे की चादरों को साफ करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है ।
क्षारकों के प्रकार Types of Bases

आयन के आधार पर क्षारकों को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है

(1)प्रबल क्षारक ( Strong Bases )

वे क्षारक , जो जल में पूर्णतया वियोजित होकर हाइड्रॉक्साइड आयन ( OH )देते हैं , प्रबल क्षारक कहलाते हैं । उदाहरण- KOH , NaOH , Ba ( OH ) 2 , आदि ।

( 2 ) दुर्बल क्षारक ( Weak Bases )

वे क्षारक , जो जल में पूर्णतया वियोजित नहीं होते हैं , दुर्बल क्षारक कहलाते हैं । उदाहरण- AI ( OH )3 , NH4OH , आदि

क्षारकों के भौतिक गुण Physical Properties of Bases

क्षारकों के प्रमुख भौतिक गुण निम्नलिखित हैं
( 1 ) क्षारक जल में विलेय तथा स्वाद में तीखे और कड़वे होते हैं ।
( ii ) क्षारक लाल लिटमस पेपर को नीला कर देते हैं । ( iii ) क्षारक स्पर्श करने पर साबुन के समान चिकने होते हैं ( iv ) अम्लों के समान क्षारकों की भी प्रवृत्ति संक्षारक होती है । यह प्रवृत्ति प्रबल अम्लों की तुलना में कम होती है ।

क्षारकों के रासायनिक गुण Chemical Properties of Bases

क्षारकों के रासायनिक गुण निम्नलिखित हैं

( i ) धातु के साथ क्रिया ( Reaction with Metal ) प्रबल क्षारक , सक्रिय धातुओं के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं ।
अतः क्षारकों को धातु पात्रों ( सक्रिय धातु ) में नहीं रखना चाहिए ।

क्षारक + धातु — लवण + हाइड्रोजन गैस

Zn (s) + 2NaOH (aq ) – Na ZnO ( aq ) + H2( g )

2Al (s)+ 2NaOH (aq)+ 2H2O—->
2NaAlO3( aq ) + 3H2 ( g )

नोट सोडियम मेटा ऐलुमिनेट को सोडियम ऐलुमिनेट भी कहा जाता है ।

ii ) अधात्विक ऑक्साइड के साथ अभिक्रिया ( Reaction with Non – metal )
क्षारक अधातु ऑक्साइड ( अम्लीय ऑक्साइड ) के क्रिया करके लवण एवं जल बनाते हैं । यह अभिक्रिया अधातु के ऑक्साइडों की अम्लीय प्रकृति को सिद्ध करती है ।

क्षारक + अधातु – ऑक्साइड → लवण + जल
CO2 + Ca ( OH ) 2—>CaCO3+ H2O

( iii ) क्षारक अम्लों से अभिक्रिया करके उनके प्रभाव को नष्ट कर देते हैं तथा लवण व जल ( H.O ) का निर्माण करते हैं ।
अम्ल तथा क्षारक के बीच अभिक्रिया Reactions Between Acids and Bases

अम्ल तथा क्षारकों की बीच निम्नलिखित अभिक्रियाएँ होती हैं

( i ) अम्ल क्षारकों या धातु ऑक्साइडों ( क्षारीय ऑक्साइड ) से क्रिया करके उनके प्रभाव को नष्ट कर देते हैं तथा लवण व जल का निर्माण करते हैं । लवण व जल बनने की यह अभिक्रिया
उदासीनीकरण अभिक्रिया ( Neutralisation reaction ) कहलाती है ।
HCI + NaOH – NaCl + H2O
( ii ) प्रबल अम्ल को जल में विलेय करने पर अधिक ऊष्मा उत्सर्जित होती है ।

अतः प्रबल अम्लों को तनु करने के लिए सदैव अम्ल को धीरे – धीरे जल में मिलाना चाहिए , जल को अम्ल में नहीं , क्योंकि यह अभिक्रिया अत्यधिक ऊष्माक्षेपी होती है , जिस कारण अम्ल में जल मिलाने पर अम्ल छलककर बाहर गिर सकता है तथा हमें हानि पहुंचा सकता है ।

अम्लों या क्षारकों के जलीय विलयन(Water Solution in Acids or Bases)

किसी अम्ल या क्षारक को जल में विलेय करने के पश्चात् प्राप्त जलीय विलयन में विद्युत का चालन होता है , क्योंकि अम्ल या क्षारक के जलीय विलयन में मुक्त आयन उपस्थित होते हैं ।
अम्ल तथा क्षारक अपने जलीय विलयन में मुक्त आयनों की उपस्थिति के कारण वैद्युत का प्रवाह करते हैं ।
नोट सभी क्षारक जल में विलेय नहीं होते हैं । केवल जल में विलेय क्षारकों को क्षार कहा जाता है ।

अम्ल या क्षारक पर तनुता का प्रभाव Effect of Dilution on an Acid or Base

अम्ल या क्षार को जल में मिलाना तनुकरण ( Dilution ) कहलाता है ,
जिसके फलस्वरूप प्रति इकाई आयतन में ( H3O+/OH-) आयनों की सान्द्रता में कमी हो जाती है , इसे ही तनुता कहा जाता है ।
नोट अम्ल तथा क्षारक दोनों ही जलीय विलयन में मुक्त आयनों की उपस्थिति के कारण विद्युत धारा का चालन करते हैं ।
सूचक Indicators

वे पदार्थ जिनका उपयोग किसी अनुमापन ( Titration ) में उदासीन बिन्दु या अन्तिम बिन्दु ( End point ) को निर्धारित करने के लिए किया जाता है , सूचक कहलाते हैं ।
अम्ल- क्षार सूचक वे पदार्थ है , जिनका अम्लीय तथा क्षारकीय विलयन में रंग भिन्न – भिन्न होता है ।
ये विलयन में हाइड्रोजन आयन [ H+ ] सान्द्रण अथवा हाइड्रॉक्साइड आयन [ OH- ] सान्द्रण अर्थात् pH मान के परिवर्तित होने की सूचना अपने रंग को परिवर्तित करके देते हैं ।
अम्ल- क्षारक अनुमापनों में सामान्यत : निम्नलिखित तीन सूचकों का प्रयोग होता है ; लिटमस, मेथिल ऑरेन्ज तथा फीनॉल्फ्थैलिन ।
नोट हल्दी, लाल पत्ता गोभी, हाइड्रेजिया, पेटूनिया तथा जेरानियम जैसे फूलों की पत्तियाँ, आदि भी सूचक के रूप में प्रयुक्त किये जा सकते हैं । हल्दी का रंग क्षारकीय माध्यम में लाल – भूरा हो जाता है ।

लवण(Salts)

किसी अम्ल तथा क्षारक की उदासीनीकरण अभिक्रिया से प्राप्त आयनिक ठोस को लवण कहते हैं।इस क्रिया में लवण के साथ जल(H2O) का निर्माण भी होता है।
उदाहरण- अम्ल+क्षार—->लवण+ जल

लवणों का परिवार Family of Salts
समान धनात्मक या ऋणात्मक मूलक वाले लवण समान परिवार के होते हैं ।
उदाहरण- NaCl तथा Na SO , दोनों सोडियम लवण परिवार के है । समान रूप से NaCl तथा KCI दोनों क्लोराइड लवण परिवार के हैं ।

लवणों का pH( pHof Salts)
प्रबल अम्ल तथा प्रबल क्षार से बने लवण उदासीन होते हैं तथा इनका pH 7 होता है । प्रबल अम्ल तथा दुर्बल क्षार से बने लवण अम्लीय होते हैं तथा इनका pH 7 से कम होता है। प्रबल क्षार तथा दुर्बल अमल से बने लवण क्षारीय होते हैं इनका pH मान 7 से अधिक होता है

साधारण नमक के रसायन

सादहरन नमक हैड्रोक्लोरिक अम्ल तथा सोडियम हैड्रॉक्साइड विलयन के संयोंग द्वारा बनता है इसे सोडियम क्लोराइड NaCl भी कहते है।
इसी लवण का प्रयोग हम अपने भोजन में करते है।

कास्टिक सोडा (caustic soda)

सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विद्युत प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हैड्रॉक्साइड उतपन्न करता है।इस प्रक्रिया क्लोर-क्षार भी कहते है।
इस प्रक्रिया में क्लोरीन गैस एनोड पर मुक्त होती है एवं हायड्रोजन गैस कैथोड पर उतपन्न होती है एवं कैथोड पर सोडियम हैड्रॉक्साइड का निर्माण भी होता है ।
इस प्रक्रिया में उतपन्न तीनो उत्पाद बहुत उपयोगी हैं।

कास्टिक सोडा के उपयोग(Uses of Caustic soda)

कास्टिक सोडा के उपयोग निम्नलिखित है।
1)इसका प्रयोग साबुनों तथा अपमार्जको को बनाने में होता है ।
2)कागज़ निर्माण ,विरंजको के निर्माण में।

विरंजक चूर्ण(Bleaching Powder)

रासायनिक नाम- कैल्शियम क्लोरो हाइपोक्लोराइट या क्लोराईट ऑफ लाइम अथवा क्लोरोनेटेड लाइम
सामान्य नाम-विरंजक चूर्ण या ब्लीचिंग पाउडर
अणु सूत्र- CaOCl2
अणु भार-127
शुष्क बुझा हुआ चूना पर क्लोरीन की क्रिया से विरंजक चूर्ण का उत्पादन होता है।

उपयोग
विरंजक चूर्ण का प्रयोग विभिन्न पदार्थों जैसे- कपड़े , कागज , जूट , लकड़ी , आदि का रंग उड़ाने में ( अर्थात् उन्हें विरंजित करने में ) किया जाता है । इसके अतिरिक्त उपयोग निम्नलिखित हैं
( i ) जीवाणुनाशक के रूप में ।
( ii ) जल के शुद्धिकरण में ।
( iii ) ऑक्सीकारक के रूप में तथा चीनी को सफेद करने में ।
( iv ) क्लोरोफॉर्म के निर्माण में ( ऐल्कोहॉल या ऐसीटोन के साथ जल की उपस्थिति में क्रिया द्वारा ) ।
( v ) ऊन को सिकुड़ने से बचाने में ।

बेकिंग या खाने का सोडा Baking Soda

रासायनिक नाम -सोडियम बाइकार्बोनेट या सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट
सामान्य नाम- खाने का सोडा
अणु सूत्र NaHCO
अणु भार 84

उपयोग Uses
सोडियम बाइकार्बोनेट के प्रमुख उपयोग निम्नलिखित है ( i ) आमाशय ( पेट ) की अम्लता को दूर करने में अर्थात् प्रतिअम्ल ( Antacid ) के रूप में ।
( ii ) झागयुक्त पेय पदार्थों व गोलियों ( परिवार नियोजन गोलियों ) के निर्माण में ।
( iii ) आग बुझाने वाले यन्त्रों में क्योकि इससे मुक्त CO , अग्नि तथा वायु के मध्य अवरोध उत्पन्न करती है ।
( iv ) बेकिंग पाउडर के निर्माण में ।
( v ) चर्म रोगों के निदान में ।
vi ) प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में ।
vii ) कच्चे दूध के फटने के समय को बढ़ाने हेतु ।

धोने का soda (washing soda)
रासायनिक नाम- सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट
सामान्य नाम- धावन सोडा इस क्रिस्टलीय सोडियम कार्बोनेट
अणु सुत्र- Na2CO3.10H2O
अणु भार-286
सोडियम कार्बोनेट के पुनः क्रिस्टलीकरण से धोने का सोडा बनता है धोने का सोडा भी एक क्षारीय लवण है।

उपयोग Uses
धावन सोडा के प्रमुख उपयोग निम्नलिखित है
( i ) प्रयोगशाला अभिकर्मक के रूप में ।
( ii ) काँच , कागज तथा बॉरेक्स उद्योग में ।
( iii ) पेट्रोलियम शोधन तथा धातु शोधन में ।
( iv ) आग बुझाने वाले यन्त्रों में ।
( v ) धातु कार्बोनेटों के निर्माण में ।
( vi ) काँच के बर्तनों की चिकनाई दूर करने तथा वस्त्र धुलाई के लिए अपमार्जक ( Detergent ) के निर्माण में । ( vii ) बेकिंग पाउडर , पेन्ट , रंजक ( Dyes ) तथा सुहागा के निर्माण में ।
( viii ) जल की कठोरता दूर करने में ।

प्लास्टर ऑफ पेरिस Plaster of Paris

रासायनिक नाम- कैल्सियम सल्फेट हेमिहाइड्रेट
सामान्य नाम-प्लास्टर ऑफ पेरिस
अणु सूत्र -Caso4
अणु भार-136.134

निर्माण की विधि Method of Preparation
जब काल्सयम सल्फेट डाइहाइड्रेट ( अर्थात् जिप्सम ) को 120 ° C ताप पर गर्म किया जाता है , तो निर्जलीकरण के द्वारा प्लास्टर ऑफ पेरिस का निर्माण होता है
120 ° C
Caso4.2H2O ————- >CaSO4.1/2H2O+
3/2H2O

उपयोग Uses
प्लास्टर ऑफ पेरिस के उपयोग निम्नलिखित हैं
( i ) इसका उपयोग टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए प्लास्टर चढ़ाने में किया जाता है ।
( ii ) इसका उपयोग सजावटी सामान , मूर्तियाँ व खिलौनों के निर्माण में किया जाता है ।
( iii ) इसका उपयोग दन्त चिकित्सा , दीवारों को चिकना बनाने तथा उन पर अलंकरण कार्य करने में भी किया जाता है ।
( iv ) इसे अग्निरोधक पदार्थ के रूप में प्रयुक्त किया जाता है ।

क्रिस्टलन जलः जलयोजित लवण Water of Crystallisation : Hydrated Salts
कुछ यौगिकों के क्रिस्टल शुष्क ( अनार्द्र ) दिखाई देते हैं , परन्तु वास्तव में उनमें कुछ जल अणु संयुक्त रहते हैं , यह जल क्रिस्टलन जल कहलाता है तथा इस प्रकार के लवण जलायोजित लवण कहलाते हैं ।
लवण के एक सूत्र इकाई में जल के निश्चित अणुओं की संख्या को क्रिस्टलन का जल कहते हैं ।
यह जल लवण के जलायोजित क्रिस्टल को गर्म करके हटाया जा सकता है।


Class 10 science chapter 2 Important Question Answer

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01. अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए,न कि जल को अम्ल में?

उत्तर: अम्ल को तनुकृत करते समय यह अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए,न कि जल को अम्ल क्योंकि जल को सांद्र अम्ल में मिलने से वह तीव्र अभिक्रिया कर विस्फोट करते है | इसके कई दुष्परिणाम हो सकते है | इसलिए हमें कभी भी जल को अम्ल में नहीं मिलाना चाहिए बल्कि हमें अम्ल को जल में मिलाना चाहिए|

02. अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन H3O+ की संlद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?

उत्तर: अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन की सांद्रता में (H3O+/OH–) प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती है ।

03. क्या क्षारकीय विलयन में H+​(aq) आयन होते हैं? अगर हाँ, तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं?

उत्तर: हां, H+ आयन क्षारकीय है परन्तु इसकी सांद्रता (OH–) आयनों की सांद्रता से कम होती इसलिए यह क्षारकीय होते है |

04. एल्कोहोल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिको में भी हाइड्रोजन होते है लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल कि तरह नहीं होता है | एक क्रियाकलाप द्वारा इसे साबित कीजिए |

उत्तर: ग्लूकोज़, ऐल्कोहॉल, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, सल्फ्रयूरिक अम्ल आदि का विलयन लीजिए। एक कॉर्क पर दो कीलें लगाकर कॉर्क को 100 mL के बीकर में रख दीजिए। अब किलों को 6 वोल्ट की एक बैटरी के दोनों टर्मिनलो के साथ एक बल्ब तथा स्विच के माध्यम से जोड़ दीजिए | अब बीकर में थोड़ा तनु HCl डालकर विद्युत धारा प्रवाहित कीजिए| इसी क्रिया को तनु सल्फ्रयूरिक अम्ल के साथ दोहराइए। एल्कोहोल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिको में भी हाइड्रोजन होते है लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल कि तरह नहीं होता है क्योंकि ये H+ आयन नहीं बनाता है |

05. आसवित जल विधुत का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है ?

उत्तर : आसवित जल शुद्ध होते है | इसलिए इनमे विधुत का चालन नहीं होता है क्योकि विधुत के चालन के लिए आयनों की आवश्यकता होती है | जबकि वर्षा जल में विधुत का चालन होता है क्योकि इसमें थोड़ी मात्रा में अम्ल विद्यमान रहता है | जोंकी वायु में उपस्थित सल्फर – डाइआक्साइड और नाइट्रोजन डाइआक्साइड के साथ मिलकर इसे अम्लीय बना देते है |अम्लीय होने के कारण ये H+ आयन उत्पन्न करते है जिसके कारण विधुत का चालन होता है |

06. प्लास्टर ऑफ़ पेरिस को आर्द्र – रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए ? इसकी व्याख्या कीजिए |

उत्तर: प्लास्टर ऑफ़ पेरिस को आर्द्र – रोधी बर्तन में इसलिए रखा जाना चाहिए क्योंकि यह आर्द्रता की उपस्थिति में जल को अवशोषित कर ठोस पदार्थ जिप्सम बनाती है | जिसके कारण इसमें जल के साथ मिलकर जमने का गुण नष्ट हो जाता है |

07. उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है ? दो उद्धरण दीजिए |

उत्तर: वह अभिक्रिया जिसमे क्षारक एवं अम्ल अभिक्रिया कर जल एवं लवण का निर्माण करते है इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते है |इस अभिक्रिया में अम्ल तथा क्षारक एक दुसरे के प्रभाव को खत्म कर या उदासीन बना देते है|


Class 10 science chapter 2  Important Objective Question Answer (MCQ)

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1. लिटमस क्या होता है ?
(a) प्राकृतिक सूचक
(b) कृत्रिम सूचक
(c) संश्लेषित सूचक
(d) (a) और (b) दोनों

► (a) प्राकृतिक सूचक

2. किसी पदार्थ को अम्ल व क्षारक कैसा कर देते हैं ?
(a) नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते हैं
(b) लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते हैं
(c) नीले लिटमस पत्र को नीला कर देते हैं
(d) (a) और (b) दोनों

► (d) (a) और (b) दोनों

3. भोजन का स्वाद खट्टा एवं कड़वा किस के कारण से होता है?
(a) अम्ल के कारण
(b) क्षारक के कारण
(c) लवणों के कारण
(d) (a) और (b) दोनों

► (d) (a) और (b) दोनों

4. अम्ल के अवशिष्टों के साथ मिलकर धातु एक यौगिक बनाता है उसे क्या कहते हैं ?
(a) लवण
(b) क्षारीय
(c) लिटमस
(d) कृत्रिम

► (a) लवण

5. कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जिनकी गंध अम्लीय या क्षारीय माध्यम में बदल जाती है उन्हें क्या कहते हैं ?
(a) अम्लीय सूचक
(b) गंध अम्लीय सूचक
(c) प्राकृतिक सूचक
(d) कृत्रिम सूचक

► (b) गंध अम्लीय सूचक

6. उदासीनीकरण अभिक्रिया किसे कहते हैं ?
(a) अम्ल एवं क्षारक की अभिक्रिया के परिणाम स्वरूप लवण तथा जल प्राप्त होना
(b) अम्ल की अभिक्रिया के कारण लवण तथा जल प्राप्त होना
(c) क्षारक की अभिक्रिया के कारण लवण तथा जल प्राप्त होना
(d) अम्ल एवं क्षारक की अभिक्रिया के कारण जल प्राप्त होना

► (a) अम्ल एवं क्षारक की अभिक्रिया के परिणाम स्वरूप लवण तथा जल प्राप्त होना
7. दानेदार जिंक के टुकडों के साथ किस की अभिक्रिया द्वारा हाइड्रोजन गैस की जाँच की जाती है ?
(a) तनु सल्फ्यूरिक की अभिक्रिया
(b) ज्वलन द्वारा
(c) अम्ल एवं क्षारक द्वारा
(d) (a) और (b) दोनों

► (d) (a) और (b) दोनों

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8. जल में अम्ल का विलयन कौन करता है ?
(a) विद्युत चालन
(b) आयन
(c) लवण
(d) विद्युत धारा

► (a) विद्युत चालन

9. धात्विक ऑक्साइड व अधात्विक ऑक्साइड किस प्रकृति के होते हैं ?
(a) क्षारकीय
(b) अम्लीय
(c) अम्लीय और क्षारकीय
(d) भौतिक प्रकृति

► (c) अम्लीय और क्षारकीय

10. जल में अम्ल या क्षारक मिलाने पर आयन की सांद्रता में प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती है इस प्रक्रिया को क्या कहते हैं ?
(a) उदासीनीकरण
(b) तनुकरण
(c) गंधीय सूचक
(d) प्राकृतिक सूचक

► (b) तनुकरण

11. किस की उपस्थिति में HCl में हाइड्रोजन आयन उत्पन्न होते हैं ?
(a) हवा की
(b) जल की
(c) लवण की
(d) अम्ल की

► (b) जल की

12. किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सांद्रता ज्ञात करने के लिए एक स्केल विकसित किया गया उसे कौन-सा स्केल कहते हैं ?
(a) PF स्केल
(b) PLस्केल
(c) PH स्केल
(d) PE स्केल

► (c) PH स्केल

13. उदासीन विलयन में PH का मान 7 होगा यदि PH स्केल में किसी विलयन का मान 7 से कम है तो कौन सा विलयन होगा ?
(a) क्षारकीय
(b) अम्लीय
(c) (a) और (b) दोनों
(d) सांद्रता में वृद्धि

► (b) अम्लीय

14. अम्लीय वर्षा कब होती है ?
(a) वर्षा के जल की PH का मन जब 5.6 से अधिक हो
(b) वर्षा के जल की PH का मन जब 5 से कम हो
(c) वर्षा के जल की PH का मन जब 5.5 से अधिक हो
(d) वर्षा के जल की PH का मन जब 5.6 से कम हो

► (d) वर्षा के जल की PH का मन जब 5.6 से कम हो

15. हाइड्रोक्लोरिक अम्ल कौन उत्पन्न करता है ?
(a) छोटी आंत
(b) बड़ी आंत
(c) उदर
(d) आमाशय

► (c) उदर

16. शुक्र का वायुमंडल सल्फ्यूरिक अम्ल के कैसे बादलों से बना है ?
(a) मोटे
(b) श्वेत
(c) पीले
(d) उपरोक्त सभी

► (d) उपरोक्त सभी

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17. मुँह में PH का मान कितना होने पर दांतों का क्षय प्रारम्भ हो जाता है ?
(a) 55.5 से अधिक
(b) 5.5 से कम
(c) 5.0 से अधिक
(d) 5.0 से कम

► (b) 5.5 से कम

18. अपच की स्थिति में उदर क्या उत्पन्न करता है और उदर में किस का अनुभव होता है ?
(a) अत्यधिक मात्रा में अम्ल उत्पन्न करता है
(b) दर्द का अनुभव
(c) जलन का अनुभव
(d) उपरोक्त सभी

► (d) उपरोक्त सभी

19. किस के विलयन की अभिक्रिया से उत्पन्न लवण को सोडियम क्लोराइड कहते हैं ?
(a) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(b) सोडियम हाइड्रॉक्साइड
(c) सोडियम ऑक्साइड
(d) (a) और (b) दोनों की अभिक्रिया से उत्पन्न लवण

► (d) (a) और (b) दोनों की अभिक्रिया से उत्पन्न लवण

20. नेटल क्या है ?
(a) एक शकीय पादप है जो जंगलो में उपजता है
(b) नेटल के डंक वाले बाल होते हैं
(c) इंक वाले बाल मेथेनैक अम्ल छोड़ जाते हैं
(d) उपरोक्त सभी

► (d) उपरोक्त सभी


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