Class 10 Science Chapter 4 Notes in Hindi | कार्बन एवं उसके यौगिक

Class 10 Science Chapter 4 Notes in Hindi : covered science Chapter 4 easy language with full details details & concept  इस अद्याय में हमलोग जानेंगे कि – कार्बन एवं उसके यौगिक क्या है किसे कहते है, सह संयोजी आबन्ध क्या है, कार्बन आबन्ध कैसे बनाता है, ईंधन किसे कहते है, एथनॉल के गुणधर्म क्या है, रासायनिक गुणधर्म किसे कहते है, अपमार्जक क्या है, अपमार्जक के लाभ और हानि क्या क्या है?

Class 10 Science Chapter 4 Notes in Hindi full details

category  Class 10 Science Notes in Hindi
subjects  science
Chapter Name Class 10 carbon and its compounds (कार्बन एवं उसके यौगिक)
content Class 10 Science Chapter 4 Notes in Hindi
class  10th
medium Hindi
Book NCERT
special for Board Exam
type readable and PDF

NCERT class 10 science Chapter 4 notes in Hindi

विज्ञान अद्याय 4 सभी महत्पूर्ण टॉपिक तथा उस से सम्बंधित बातों का चर्चा करेंगे।


विषय – विज्ञान  अध्याय – 4

कार्बन एवं उसके यौगिक

carbon and its compounds


कार्बन

नाम लैटिन शब्द ‘कार्बो’ से बना है।जिसका मतलब है,’कोयला’।
कार्बन एक अधातु है।इसको प्रतीक ‘C’ से लिखते है।
ऑक्सीजन व हाइड्रोजन के बाद , कार्बन तीसरा सबसे ज़रूरी तत्व माना गया है।
हमारा भोजन,कपड़े,दवाएं, पुस्तकें सभी कार्बन से बने होते हैं व सजीवों(पौधों-जानवरों) का शरीर कार्बन यौगिकों का बना होता है।
भूपर्पटी(ज़मीन के अंदर) में, खनिजों(जैसे कार्बोनेट,हायड्रोजनकार्बोनेट,कोयला तथा पेट्रोलियम) के रूप में 0.02% कार्बन होता है।
व वायुमण्डल में 0.03% कार्बनडाइऑक्साइड के रूप में होता है।

सह संयोजी आबन्ध (Covalent Bond)

वह बन्ध, जो एक ही प्रकार या अलग अलग प्रकार के परमाणुओं के इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से बने हो, सह- संयोजी आबन्ध कहलाते हैं।
सह संयोजी आबन्ध तीन प्रकार के होते हैं।
1) एकल आबन्ध: 1-1 इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी
2) द्वि आबन्ध: 2-2 इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी
3) त्रि आबन्ध: 3-3 इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी
कार्बन में सह संयोजी आबन्ध
(Covalent Bond in Carbon)

कार्बन(C)की परमाणु संख्या – 6
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = K L
2 4

हीरा (Diamond)
→ हीरा सबसे कठोर तत्त्व है।
→ चमकदार
→ विद्युत का कुचालक
→ चतुष्फलकीय संरचना
→ C-C परमाणुओं के मध्य की दूरी 154 Pm होती है।
→ पारदर्शक
→ शुद्ध कार्बन
ग्रेफाईट
→ मुलायम व भंगुर प्रकृति
→ परतदार संरचना (षट्कोणीय)
→ विद्युत का सबसे अच्छा सुचालक
→ प्रत्येक कॉर्बन तीन अन्य कॉर्बन परमाणुओं से एक ही तल में जुड़ा है।
उपयोग
→ सीसा व पेन्सिल बनाने में
→ इलेक्ट्रोड बनाने में
फुलरीन
→ अमेरिकी वैज्ञानिक बकमिन्सटर फुलरीन ने बताया ।
→ सबसे पहले C-60 बना
→ इसकी सरंचना बॉल जैसी होती है, इसीलिए इसे बकीबॉल भी कहते है।

क्र.सं. गुणधर्म हीरा ग्रेफाइट
1. कठोरता/ मूलायम हीरा पारदर्शी व कठोर होता है लेकिन सरलता से चटक जाता है। ग्रेफाइट एक धूसर पदार्थ होता है। यह स्पश्र करने पर चिकना होता है।
2. संरचना हीरे में कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़कर एक त्रिविमीय दृढ़ संरचना बनाता है।  ग्रेफाइट में कार्बन परमाणु उसी तल में अपने निकटतम तीन कार्बन से जुड़कर एक षट्कोणीय संरचना बनाता है। यह मृदु होता है।
3. विद्युत चालकता यह विद्युत का कुचालक होता है।  यह विद्युत का सुचालक होता है।
4.  उपयोग यह आभूषणों में प्रयुक्त होता है एवं काटने, पीसने, छिद्र करने में काम आता है।  यह विद्युत का सुचालक होता है।

कार्बन आबन्ध कैसे बनाता है?

कार्बन चर्तुसंयोजी है। यानी इसके सबसे बाहरी कोश में 4 इलेक्ट्रॉन है।
कार्बन अपना अष्टक दो तरह से पूरा कर सकता है;

1) यह न तो 4 इलेक्ट्रॉन को ले सकता है क्योकि 6 प्रोटॉन वाले नाभिक में 4 और इलेक्ट्रॉन लेना मुश्किल है ।
2) यह न ही 4 इलेक्ट्रॉन दे सकता है क्योंकि 4 इलेक्ट्रॉन खोकर 6 प्रोटॉन वाले नाभिक में सिर्फ 2 इलेक्ट्रॉनों का कार्बन धनायन बनाने के लिये बहुत ज़्यादा ऊर्जा की ज़रूरत होगी।
अतः कार्बन अपने ही दूसरे परमाणु या कोई दूसरे तत्वों के परमाणुओं के इलेक्ट्रॉनों के साथ साझेदारी करके आबन्ध बनाता है।
-कार्बन के अलावा हाईड्रोजन, ऑक्सीजन,नाईट्रोजन और क्लोरीन भी इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से आबन्ध बनाते है।

सह-संयोजक बन्ध के कुछ उदाहरण
(some examples depicting covalent bonding)

1)हाइड्रोजन (H2) अणु का निर्माण

परमाणु की संख्या=1
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास=K=1
K कोश को भरने के लिए 1 इलेक्ट्रान चाहिए।
अतः हाइड्रोजन के 2 परमाणु अपने इलेक्ट्रॉनो की आपस में साझेधरु करके हाइड्रोजन का अणु, H2 बनाते है।
इस तरह हाइड्रोजन के दोनो अणु उत्कृष्ट गैस विन्यास प्राप्त करलेते है।
संयोजकता इलेक्ट्रॉनों को क्रॉस द्वारा दिखाया जाता है।

Diagram 1

इस आबन्ध को दो परमाणुओं के बीच एक रेखा के द्वारा दिखाया जाता है।
एकल बन्ध H2 अणु को दिखाता है।

2)क्लोरिन (Cl2) अणु का निर्माण

Cl की परमाणु संख्या=17
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास= K L M
2, 8, 7
इसके बाहरी कोश में 7 इलेक्ट्रॉन है, बाहरी कोश पूरा करने के लिए Cl को 1 इलेक्ट्रान चाहिए। इस 1 इलेक्ट्रान को दूसरे Cl के साथ साझा करके लिया जा सकता है।

Diagram 2

3)ऑक्सीजन (O2) अणु का निर्माण

O की परमाणु संख्या=8
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास =2,6
इसके बाहरी कोश में 6 इलेक्ट्रॉन2 है।इसे बाहरी कोश पूरा करने के लिए 2 इलेक्ट्रान चाहिए।ये दूसरे ऑक्सीजन परमाणु के साथ 2 इलेक्ट्रान के साझे से ले सकता है।

Diagram 3

ऑक्सीजन के हर एक।परमाणुओं के द्वारा दिए गए दो इलेक्ट्रॉनों से इलेक्ट्रॉनों के दो सहभागी युग्म प्राप्त होते हैं।
इसे दो परमाणुओं के बीच द्विआबन्ध बनाना कहते है।

4) नाइट्रोजन (N2) अणु का निर्माण

N की परमाणु संख्या = 7
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास =K L
2, 5
इसके बाहरी कुश में 5 इलेक्ट्रॉन हैं।इसे अपना बाहरी कोश पूरा करने के लिए 3 और इलेक्ट्रॉन चाहिए। अतः नाइट्रोजन के दो परमाणु 3-3 इलेक्ट्रानों का साझा करके त्रिबंध बनाकर नाइट्रोजन अणु बनाता है।

Diagram5

5) अमोनिया (NH3) का अणु निर्माण

N की परमाणु संख्या= 7
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास= K L
2,5
H की परमाणुओ संख्या=1
इलेक्ट्रोनिक विन्यास=K=1
अमोनिया को बाहरी अष्टक को पूर करने के लिए 3 इलेक्ट्रान चाहिए व हाइड्रोजन को 1 इलेक्ट्रान चाहिए।
अमोनिया का एक अणु बनाने के लिए , नाइट्रोजन का 1 परमाणु अपने 3 इलेक्ट्रॉनों द्वारा 3 हाइड्रोजन से 1 इलेक्ट्रॉन का साझा करता है ।

Diagram 6

6)जल (H2O) अणु का निर्माण

O की परमाणु संख्या = 8
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास =K L
2,6
H की परमाणु संख्या= 1
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास =K=1

ऑक्सीजन को अपना बाहरी कोश पूरा करने के लिए 2 इलेक्ट्रॉनों की ज़रूरत है व हाइड्रोजन को 1 इलेक्ट्रान की ज़रूरत होती है। अतः ये आपस में साझा करके अणु बने है।

Diagram 7

7) मेथेन(CH4) अणु का निर्माण

C की परमाणु संख्या= 6
इलेक्ट्रोनिक विन्यास= 2,4
H की परमाणु संख्या= 1
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास= K=1

कार्बन को बाहरी कोश पूरा करने के लिए 4 इलेक्ट्रॉनों की ज़रूरत है,व हाइड्रोजन को 1 इलेक्ट्रॉन चाहिए। अतः बाहरी कोश को पूरा करने के लिये कार्बन ,हाइड्रोजन के 4 परमाणुओं के साथ साझा करके मेथेन का अणु बनता है।

Diagram 8

सहसंयोजी यौगिक के भौतिक गुण

1) इन द्रवों के गलनांक व क्वथनांक कम होते है।
क्योंकि इनके बीच अन्तराणुक बल बहुत कम होता है।
2) सह संयोजी यौगिक विद्युत के कुचालक होते हैं क्योंकि इनमें आवेशित कण नही बनते है। ये इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से बनते है।

कार्बन की सर्वोतमुखी प्रकृति
(Versatile Nature of Carbon)

1) श्रृंखलन(Catenation):
कार्बन में कार्बन के ही दूसरे परमाणुओ के साथ आबंध बनाने की क्षमता होती है।कार्बन अपने परमाणुओ के साथ आबंधो की लंबी ,खुली(open)या बन्द(closed) श्रृंखला बना सकता है। इस गुण को श्रृंखलन(Catenation) कहते हैं।

2)बहुल बंध बनाना(tendency to form multiple bonds)
कार्बन के परमाणु का आकर छोटे होने के कारण यह भूल बन्ध बना सकता है ।कार्बन के परमाणु एक दूसरे से या दूसरे तत्वों जैसे ऑक्सीजन से एकल,द्वि या त्रि आबंध से जुड़ें होते हैं।

3)चतु: संयोजकता (Tetravalency)
कार्बन की संयोजकता 4 होती है इसलिए यह चतु: संयोजक है।इसके बाहरी कोश में 4 इलेक्ट्रॉन होते है ।अपना कोश पूरा करने के लिए कार्बन ,ऑक्सीजन,हाइड्रोजन,नाइट्रोजन ,सल्फर व क्लोरीन के साथ सह संयोजी आबंध बनाता है।

हाइड्रोकार्बन का नामकरण ( Nomenclature of Hydrocarbons ) :

हाइड्रोकार्बन अणुओं में कार्बन परमाणुओं के उपस्थिति के अनुसार नामकरण इस प्रकार होता है :
कार्बन परमाणुओं की संख्या
1 कार्बन परमाणु Meth- ( मेथ )
2 कार्बन परमाणु Eth- ( एथ )
3 कार्बन परमाणु Prop- ( प्रोप )
4 कार्बन परमाणु But- ( ब्युट )
5 कार्बन परमाणु Pent- ( पेंट )
6 कार्बन परमाणु Hex- ( हेक्स )
7 कार्बन परमाणु Hept- ( हेप्ट )
8 कार्बन परमाणु Oct- ( ओक्ट )
9 कार्बन परमाणु Non- ( नोन )
10 कार्बन परमाणु Dec- ( डेक )

कार्बन और हाइड्रोजन के यौगिकों को हाइड्रोकार्बन(Hydrocarbon) कहते है।

हाइड्रोकार्बन(Hydrocarbon)
___|______
| |
1)संतृप्त 2)असंतृप्त
• कार्बन परमाणुओं के। कार्बन परमाणुओं के बीच
बीच एकल आबन्ध __|____
होता है। | |
द्वी आबंध त्रिआबंध
• C।C C।।C C।।।C

• उदारहण उदाहरण उदाहरण
एल्केन एलकिन एलकाईंन

सूत्र- सूत्र सूत्र
CnH2n+2 CnH2n CnH2n-2

हाइड्रोकार्बन; संतृप्त एवं असंतृप्त कार्बन यौगिक
(Hydrocarbon; saturated and unsaturated carbon compounds)

संतृप्त यौगिक(Saturated compounds)

कार्बन परमाणुओं के बीच सिर्फ एक आबंध से जुड़े कार्बन के यौगिक “संतृप्त यौगिक” कहलाते है ।
उदाहरण : सभी एल्केन
एल्केन ( Alkanes ) :संतृप्त हाइड्रोकार्बन जिसमें कार्बन परमाणु केवल एकल आबंध से जुड़े रहते है एल्केन कहलाता है ।
जैसे मीथेन , इथेन , प्रोपेन और ब्युटेन आदि ।
एल्केन का समान्य सूत्र ( General formula ) : CnH2n + 2
मीथेन का सूत्र प्राप्त करने के लिए इस सूत्र का प्रयोग : CnH2n + 2 में n = 1 रखने पर हम पाते हैं :
C1H2x1 + 2 =CH4
इसी प्रकार ; इथेन के लिए : n = 2 रखने पर हमें प्राप्त होता है :
C2H2x2= C2H4
ऐसे ही हम प्रोपेन , ब्यूटेन और पेंटेन आदि का सूत्र व संरचना भी बना सकते है। सकते है ।

Diagram 8

असंतृप्त यौगिक(Unsaturated compounds)

द्वि या त्रि आबन्ध वाले कार्बन के यौगिक “असंतृप्त यौगिक” कहलाते है। जैसे एल्किन और एल्काईन।
एल्किन: असंतृप्त हाइड्रोकार्बन जिसमे कार्बन परमाणु द्वि आबन्ध से जुड़े होते है एल्किन कहलाते है।
जैसे: मेथिन ,एथिन, प्रोपिन और ब्यूटिन।
एल्किन का समान्य सूत्र(General formula)
C2H2n
एथिन का सूत्र प्राप्त करने के लिए
n=2
C2H2x2= C2H4
इसी प्रकार प्रोपिन और ब्यूटिन आदि का सूत्र व सरंचना बना सकते है।

Diagram9

ऐल्काइन

जिसमे कार्बन परमाणु त्रिआबन्ध से जुड़े होते हैं।
जैसे एथाइन , प्रोपइन, ब्यूटाइन
ऐल्काइन का सामान्य सूत्र (General formula)
C2H2n-2
एथाइन का सूत्र प्राप्त करने के लिए
n=2
C2H2x2-2= C2H4-2= C2H2
इसी प्रकार प्रोपइन, ब्यूटाइन आदि के सूत्र व सरंचना बना सकते है।

Diagram 10

कार्बन श्रृंखलाओ के प्रकार

1) सीधी श्रृंखला

Diagram11

2) शाखाओं वाली श्रृंखला

Diagram12

3)वलय वाली श्रृंखला
a)साइक्लोहैक्सेन (C6H12) [संतृप्त]
Diagram13
b)बेंज़ीन (C6H6) [असंतृप्त]

Diagram14

सरंचनात्मक समावयवी

ऐसे यौगिक जिनका आण्विक सूत्र समान हो लेकिन सरंचना भिन्न हो समावयवी कहलाते है।
उदाहरण ; ब्यूटेन के समावयवी

Diagram15 diagram16

सीधी श्रृंखला। शाखित श्रृंखला

प्रकार्यात्मक समूह (Functional Group)

यौगिकों में हाइड्रोजन को विस्थापित करने वाले तत्वों को विषम परमाणु कहते है। इनसे कार्बनिक यौगिकों को विशिष्ट गुण मिलते है।इसलिए इन्हें प्रकार्यात्मक समूह कहते है।

Diagram 17

कार्बन यौगिकों का नामकरण

प्रकार्यात्मक समूह की उपस्थिति के अनुसार एल्केन में अनुलंग्न(प्रत्यय) या पूर्वलंग्न(उपसर्ग) लगाकर यौगिकों का नामकरण किया जाता है।

Diagram18

समजातीय श्रेणी(Homologous Series)

यौगिकों की ऐसी श्रृंखला जिसमे कार्बन श्रृंखला में स्थित हाइड्रोजन को एक ही प्रकार का प्रकार्यात्मक समूह प्रतिस्थापित करता है,उसे समजातीय श्रेणी कहते हैं।

समजातीय श्रेणी की विशेषताए

इसमें कार्बन यौगिकों को उस में उपस्थित कार्बन परमाणुओं की संख्या के बढ़ते क्रम में लगाया जाता है
दो क्रमागत यौगिकों के बीच CH2 का अंतर होता है।
दो क्रमागत यौगिकों के आण्विक द्रव्यमान में 14u का अंतर होता है।

कार्बन यौगिकों के रासायनिक गुणधर्म(Chemical properties of Carbon Compound)

1.दहन

कार्बनिक यौगिक ऑक्सीजन में जलाने पर कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल वाष्प बनाते हैं । इस प्रक्रिया में ऊष्मा एवं प्रकाश निकलते होते हैं । यह अभिक्रिया दहन कहलाती है ।
C + O2→ CO2+ ऊष्मा एवं प्रकाश
CH4 +O2–> CO2+ H2O + ऊष्मा एवं प्रकाश
CH3CH2OH +O2→CO2+ H2O + ऊष्मा एवं प्रकाश
सतृप्त हाइड्रोकार्बन के दहन से स्वच्छ ज्वाला निकलती है , क्योंकि उनका पूरा दहन होता है । जबकि असंतृप्त कार्बन यौगिकों से अत्यधिक काले धुएँ वाली पीली ज्वाला निकलेगी , क्योंकि इनका पूरा दहन नहीं होगा ।

ईंधन

वे कार्बन यौगिक , जिनमें ऊर्जा होती है तथा ऊष्मा एवं प्रकाश के साथ जलते हैं ईंधन कहलाते हैं , निकली हुई ऊर्जा, ऊष्मा या प्रकाश का प्रयोग विभिन्न उद्देश्यों जैसे – खाना बनाने , फैक्ट्री में मशीनों को चलाने आदि में प्रयोग करते हैं ।
जैसे-कोयले,कोक,चारकोल,पैट्रॉल,पेट्रोलियम आदि।

जीवश्म ईंधन

जो ईंधन लम्बे समय तक पुराने पौधोंव जंतुओंके धरतु मेंचट्टानों में दब जाते है,विघटन होकर बनते है ।
जैसे कोयला व पेट्रोलियम

2.ऑक्सीकरण(oxidation)

ऑक्सीजन के लेने या हाइड्रोजन के देने की प्रक्रिया ऑक्सीकरण कहलाती है।
उदाहरण,
क्षारीय kMnO4+ऊष्मा
CH3CH2OH———————->CH3COOH
या अम्लीकृत K2Cr2O7+ऊष्मा

कुछ पदार्थो म अन्य पदार्थो को ऑक्सीजन देने की क्षमता होती है,इन पदार्थो को ऑक्सीकारक कहा जाता है।
जैसे-क्षारीय पोटैशियम परमैंगनेट या अम्लीकृत पोटैशियम डाइक्रोमेट।

3.संकलन अभिक्रिया(Addition Reaction)

उत्प्रेरको की उपस्थिति म असंतृप्त हाइड्रोकार्बन हाइड्रोजन से जुड़कर संतृप्त हाइड्रोकार्बन देते है।
उत्प्रेरक वे पदार्थ हैं जिनके कारण अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है और जो अभिक्रिया को प्रभावित नही करते।
जैसे पैलेडियम या निकेल।
निकेल उत्प्रेरक के प्रयोग से वनस्पति तेल को हाइड्रोजनीकरण कर वनस्पति घी में बदला जा सकता है।इस क्रिया को हाइड्रोजनीकरण कहते हैं।

Diagram 19

नोट(note)
वनस्पति तेल(असंतृप्त वसा) ‘स्वास्थ्यवर्धक* होते है।
जन्तु वसा में संतृप्त वसा अम्ल पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते है।
अतः हमे भोजन पकाने के लिए असंतृप्त वसा वाले तेलों का प्रयोग करना चाहिए।

4.प्रतिस्थापन अभिक्रिया(Substitution Reaction)

जिन अभिक्रिया में किसी कार्बनिक अणु के किसी एक या अधिक परमाणु या परमाणु समूह का प्रतिस्थापन होता है,प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहलाती है।

क्लोरोनिकरण; हाइड्रोजन परमाणुओं के क्लोरीन परमाणुओं के द्वारा प्रतिस्थापित होने की क्रिया क्लोरोनिकरण कहलाती है।

जैसे मेथिन की क्रिया सूर्ये की प्रकाश में अभिक्रिया कराने पर क्लोरीन एक एक करके हाइड्रोजन के परमाणुओं को विस्थापित कर देता है।

सूर्ये के प्रकाश की उपस्थिति में
CH4+Cl2—————->CH3Cl+HCl

कुछ महत्वपूर्ण कार्बन यौगिक: एथनॉल तथा एथेनॉइक अम्ल

एथनॉल के गुणधर्म
• कमरे के ताप पर द्रव अवस्था म होता है।
• सामान्य नाम- एल्कोहॉल
• अणु सूत्र- C2H6OH
• सरंचना सूत्र- CH3CH2―OH
• जल में घुलनशील
• रंगहीन गंध और जलने वाला स्वाद
• उदासीन प्रकृति

निर्माण

गन्ने के रस से मोलेसस (शीरा) के किण्वन से एल्कोहॉल तैयार किया जाता है।

रासायनिक गुणधर्म

1.सोडियम के साथ अभक्रिया:
2Na+2CH3CH2OH――>2CH3CH2ONa+H2
• एल्कोहोल सोडियम से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस बनाता है।इसमें नया उत्पाद सोडियम एथोक्साइड बनता है।
• हाइड्रोजन गैस की उत्पति से एथनॉल की जांच इस अभिक्रिया द्वारा की जासकती है।

2.निर्जलीकरण

443के ताप पर एथनॉल को सल्फ़्यूरिक अम्ल की अधिक मात्रा के साथ गर्म करने पे एथनॉल का निर्जलीकरण होकर एथीन बनता है।
गर्म सांद्र
CH3―CH2OH——–>CH2=CH2+H2O
H2SO4

नोट note

कुछ देशो में एल्कोहॉल तथा पेट्रोल का मिश्रण एक स्वछ ईंधन की तरह इस्तेमाल किया जाता है।

एथेनॉइक अम्ल के गुणधर्म

रंगहीन द्रव,स्वाद में खट्टा,सिरके जैसी गन्ध
सामान्य नाम- एसिटिक अम्ल
3-4% विलयन को सिरका कहा जाता है।
शुद्ध एथेनॉइक अम्ल का गलनांक 290 K होता है।
यह ठंडी जलवायु में जम जाता है इस कारण इसे ग्लेशल एसिटिक अम्ल कहते है।

रासायनिक गुणधर्म

1.एस्टरिकरण

एथॉनोइक अमल व एल्कोहॉल से किसी अम्ल उत्प्रेरक की उपस्थिति में अभिक्रिया करके एस्टरबनाते है।
CH3–COOH+CH3–CH2OH――>CH3-C-O-
CH2-CH3+H2O
एस्टर का प्रयोग इत्र बनाने या स्वाद उतपन्न करने वाले कारक की तरह किया जाता है।

साबुनीकरण

एस्टर अम्ल या क्षारक की उपस्थिति म अभिक्रिया करके फिर से एल्कोहॉल तथा कार्बोंकस्लीक अम्ल बनाते है।इस अभिक्रिया को साबुनीकरण कहते है क्योंकी इससे साबुन तैयार होता है।
CH3COOC2H5———–>C2H5OH+CH3COOH

2.क्षारक के साथ अभिक्रिया

एथॉनोइक अम्ल सोडियम हाइड्रोक्साइड जैसे क्षारक से अभिक्रिया कर लवण एव जल बनाता है।
NaOH+CH3COO—> CH3COONa+H2O

3.कार्बोनेट तथा हाइड्रोजनकार्बोंट के साथ अभिक्रिया:

एथॉनोइक अम्ल कार्बोनेट तथा हायड्रोजनकार्बोनेट के साथ अभिक्रिया कर लवण, कार्बन डाइऑक्साइड व जल बनाता है।इस अभिक्रिया में बने लवण को सोडियम एसीटेट कहर है।
2CH3COOH+Na2CO3—–>
2CH3COONa+H2O+CO2
CH3COOH+NaHCO3–>
CH3COONa+H2O+CO2
साबुन और अपमार्जक

साबुन लम्बी श्रृंखला वाले कार्बोक्सीलीक अम्लों के सोडियम पोटैशियम लवण होते है।
उदाहरण- C17H35COONa
साबुन केवल कोमल जल में सफाई करते है।

अपमार्जक

लम्बी श्रृंखला वाले कार्बोक्सीलीक अम्लों के अमोनियम या सल्फोनेट लवण होते हैं।
अपमार्जक कठोर व कोमल जल दोनो में सफाई किया जाता है।
वसा अम्लों के गल्सरोल एस्टरो को जलीय सोडियम हैड्रोक्साइड के साथ गर्म करने पर साबुन का निर्माण होता है।इस अभिक्रिया को साबुनिकरण कहते है।
वसा+सोडियम हैड्रोक्साइड—->साबुन+गल्सरोल

साबुन के अणु की सरंचना

1.जलरागी सिर (आयनिक भाग)
2.जलविरागी सिरा(लम्बी हाइड्रोकार्बन श्रृंखला)

Diagram20

साबुन की सफाई की प्रक्रिया

मेल तेलीय होते है ।साबुन के अणु का जलरागी सिरा जल से व जलविरागी सिर तेल से आपस में क्रिया करता है। इससे मिसेली सरंचना बन जाती है।

Diagram21

इस तरह साबुन के अणु मिसेली सरंचना बनाते है जहाँ अणु का एक सिरा तेल कण की तरफ तथा आयनिक सिरा बाहर की ओर रहता है।इससे पानी में इम्लशन बनता है।इस तरह साबुन का मिसेल मैल को पानी में घुलाने में मदद करता है तथा हमारे कपड़े साफ हो जाते है।

साबुन की सीमाएं

कठोर जल में प्रयोग नही किया जा सकता है।
साबुन कठोर जल में उपस्थित मैग्नीशियम व कैल्शियम के लवण के साथ अभिक्रिया करके अघुलनशील पदार्थ स्कम बनाता है।
यह स्कम सफ़ाई में मुशकिल पैदा करता है।

अपमार्जक के लाभ

कठोर व कोमल जल दोनो में उपयोग किया जा सकता है।
अघुलनशील पदार्थ नही बनता ।

क्र.सं. साबुन अपमार्जक
1. ये प्राय: वसा अम्लों के सोडियम या पोटैशियम लवण होते हैं ये प्राय: ऐल्किल बेंजीन सल्फोनिक अम्ल के सोडियम लवण होते हैं।
2. ये कठोर जल में कपड़े साफ नहीं करते हैं।  ये मृदु जल के अतिरिक्त कठोर जल में भी कपड़ों को साफ करते हैं।
3. इनका जलीय विलयन क्षारीय होता है।   इनका जलीय विलयन उदासीन होता हैं।
4. ये तेलयुक्त होते हैं इसलिये इनमें सफाई का गुण अपमार्जक की तुलना में कम होता है।  ये तेल रहित होते हैं इसलिये इनमें सफाई का गुण साबुन की तुलना में अधिक होता है।
5. इनका उपयोग कोमल वस्त्रों को साफ करने के लिये नहीं किया जा सकता है। इनका उपयोग कोमल वस्त्रों को साफ करने के लिये किया जा सकता हैं।

 


Class 10 science chapter 4  Important Question Answer

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01. एथनॉल से एथेनॉइक एसिड में परिवर्तन को साधारण अभिक्रिया क्यों कहते हैं?

उत्तर : ऐथेनॉइक + ऑक्सीजन → एथेनॉइक एसिड | इस प्रकार यहां ऑक्सीजन की वृद्धि व फेसबुक की कमी हुई तथा ये क्रियाएं ऑक्सीजन अभिक्रियां कहलाती है

02. ऑक्सीजन और एथिन के मिश्रण का दहन वेलिंडग के लिए किया जाता है। आप क्या बता सकते हैं कि एथाइन और वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता?

उत्तर : वायु में ऑक्सीजन मात्रा में उपलब्ध नहीं होती है वेलिंडग में पूर्ण प्रतिक्रिया के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है: ऑक्सीजन एवं एथिन के मिक्षण को ही वेलिंडग के लिए प्रयोग किया जाता है। इस मिक्षण को ऑक्सीऐसिटिलीन गैस कहते हैं |
03. नियामकीकरण क्या है? इसका औद्योगिक उपयोग क्या है?

उत्तर : असंतृप्त हाईड्रोकार्बन हाईड्रोजन से योग द्वारा भिन्न यौगिक बनाता है यह प्रकिया भ्रामक कहलाती है | इस प्रकिया को तेल से घिसने में प्रयोग किया जाता है
वनस्पति तेल + एच 2
04. मक्खन और खाना बनाने वाले तेल के बीच रासायनिक अंतर को समझने के लिए एक ट्यूटोरियल बताते हैं।

उत्तर : मक्खन विपरित एवं खाघ तेल असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है | इन ब्रोमीन को सुनिश्चित करने के लिए सहायता पर ध्यान दिया जा सकता है | लेकिन तेल गर्म करें | अबोसें कछु बुंदें ब्रोमीन जल की डालें | मक्खन में यौगिक है | इसी प्रकार तेल में डालने पर ब्रोमीन जल का रंग उड़ जाता है: यह असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है

05. साबुन की सफ़ाई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाई जाती है।

उत्तर : साबुन के अनु में दो दृश्य होते हैं एक जल विरोधी और दूसरा जलारागी | जल प्रतिपक्षी सिरा कपड़ो में लगी हुई मैल के साथ चिपक जाती है लेकिन जलरागी सिरा जल के साथ चिपक जाती है | इसी क्रिया के कारण झाग (मिसेल) निर्मित होता है इस झाग में साबुन के अणु एक गोलाकार आकार में व्यवसिथ हो जाता है ध्रुवीय भाग CooNa + |
06. भौतिक और रासायनिक अणुधर्मा के आधार पर एथनॉल एंव एसिड आप कैसे अटेर करेंगे?

उत्तर :
भौतिक गुण :-

एथेनॉल का गंध अभिलाक्षणिक ऐल्कोहाली होता है जबकि एथेनॉल अम्ल का गंध तीव्र होता है
एथेनॉल एसिड का क्वाथनांक 156K होता है जबकि एथेनॉल एसिड का क्वथनांक 290K होता है |
एथेनॉल का क्वथनांक 351K होता है जबकि एथेनॉल एसिड का क्वथनांक 391K होता है |
रासायनिक गुण :-

एथेनॉल लिटमस पेपर पर कोई फर्क नहीं पड़ता है जबकि एथेनॉल एसिड ब्लू लिटमस पेपर को लाल कर देता है |
एथेनॉल सोडियम साझेदारों से कोई क्रिया नहीं होती है जबकि एथेनॉल एसिड साझेदारों के साथ CO 2 गैसों पर कार्रवाई होती है।


Class 10 science chapter 4  Important Objective Question Answer (MCQ)

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1. प्रथम कार्बनिक यौगिक यूरिया का संश्लेषण किसने किया था–

( a ) कोल्वे ने

( b ) बोहर ने

( c ) बजिलियस ने

( d ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर – ( b )

 

2 . कैल्सियम कार्बोहाइड जल के साथ अभिक्रिया कर देता है–

( a ) मिथेन

( b ) इथेन

( c ) एथीन

( d ) एथाइन

उत्तर – ( d )

 

3. निम्न में से हाइड्रोकार्बन कौन है

( a ) H2O

( b ) C6H12O6

( c ) CO2

( d ) HNO3

उत्तर – ( b )

 

4. – CHO अभिक्रिया मूलक को कहते हैं

( a ) एल्डिहाइड

( b ) एल्कोहल

( c ) कीटोन

( d ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर – ( a )

 

5. – COOH अभिक्रियाशील मूलक को क्या कहते हैं ?

( a ) कीटोन

( b ) एल्डिहाइड

( c ) अम्ल

( d ) इथर

उत्तर – ( c )

 

6 . निम्नलिखित में से कौन समावयवी है ?

( a ) C2H6 और C6H6

( b ) C5H10 और C2H12

( c ) C2H5OH और CH3 OCH3

( d ) CH4 और C2H6

उत्तर – ( c )

 

7 . निम्नलिखित में से कौन सह – संयोजी यौगिक है ?

( a ) CH4

( b ) NaCl

( c ) CaCl2

( d ) Na2O

उत्तर – ( a )

 

8. निम्न में से किस हाइड्रोकार्बन के तीन आबंध है

( a ) CH4

( b ) C2H6

( c ) C3H8

( d ) C2H2

उत्तर – ( d )

 

9. ब्यूटनॉन एक कार्बनिक यौगिक है जिसका प्रकार्यात्मक समूह है

( a ) कार्बोक्सिलिक अम्ल

( b ) एल्डिहाइड

( c ) कीटोन

( d ) एल्कोहल

उत्तर – ( c )

 

10. नाइट्रोजन के दो परमाणुओं के बीच कितने आबंध होते हैं

( a ) एक आबंध

( b ) द्विआबंध

( c ) त्रिआबंध

( d ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर – ( c )

 

11. एल्कीन का सामान्य सूत्र है

( a ) CnH2n + 2

( b ) CnH2n

( c ) CnH2n – 1

( d ) CnH2n – 2

उत्तर – ( b )

 

12. एथाइल एल्कोहल का अणु – सूत्र है

( a ) CH3OH

( b ) C2H5OH

( c ) C2H6OH

( d ) C2H2OH

उत्तर – ( b )

 

13. चीनी का रासायनिक सूत्र है

( a ) CH3COOH

( b ) C2H12O6

( c ) C12H22O11

( d ) CH3CHO

उत्तर – ( c )

 

14. Cn+H2n+2 निम्न में से किसका सामान्य सूत्र है ?

( a ) एल्काइन का

( b ) एल्कीन का

( c ) एल्केन का

( d ) प्रोपाइल का

उत्तर – ( c )

 

15. ग्लूकोज का रसायनिक सूत्र है

( a ) C2H5OH

( b ) C6H12O6

( c ) C6H6O6

( d ) C6H6

उत्तर – ( b )

 

16. कार्बोनिल ग्रुप प्रतिकारक कौन है ?

( a ) –CHO

( b ) > CO

( c ) –COOH

( d ) –O–

उत्तर – ( c )

 

17. हीरा और ग्रेफाइट कार्बन के क्या हैं ?

( a ) समावयवी

( b ) समस्थानिक

( c ) अपररुप

( d ) बहुलक

उत्तर – ( c )

 

18. मेथेनॉइक अम्ल का सामान्य नाम क्या है ?

( a ) फार्मिक अम्ल

( b ) एसिटीक अम्ल

( c ) प्रोपियोनिक अम्ल

( d ) ब्यूटरिक अम्ल

उत्तर – ( a )

 

19. एल्कोहल श्रेणी के यौगिकों में कौन – सा अभिक्रियाशील समूह विद्यमान होता है ?

( a ) – CHO

( b ) >C=

( c ) – OH

( d ) – O –

उत्तर – ( c )


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